
प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना, सरकार की एक नई पहल है जिसका ऐलान 2025-26 के बजट में किया गया। असल में, यह योजना उन किसानों के लिए बनाई गई है जिनके जिले अब तक खेती के मामले में पीछे रह गए थे। चाहे पैदावार कम हो, पानी की कमी हो या फिर भंडारण और मंडी तक पहुँच में दिक़्क़त हो – इन सब समस्याओं को ध्यान में रखकर ही यह कार्यक्रम तैयार किया गया है।
इस योजना को अगले छह वर्षों तक चलाने की योजना है और हर साल लगभग ₹24,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे। अनुमान है कि करीब 1.7 करोड़ किसान परिवार इससे सीधे प्रभावित होंगे। छोटे और सीमांत किसानों पर विशेष ध्यान रहेगा, क्योंकि यही वर्ग सबसे अधिक चुनौतियों का सामना करता है।
इस योजना के ज़रिए किसानों को अच्छे बीज, आधुनिक सिंचाई साधन और समय पर ऋण जैसी सुविधाएँ दी जाएँगी। फसल कटाई के बाद भंडारण और कोल्ड स्टोरेज की सुविधा बढ़ेगी, जिससे अनाज खराब नहीं होगा और मंडी में बेहतर दाम मिलेगा। इसके अलावा किसानों को कृषि विज्ञान केंद्र और स्थानीय अधिकारियों से प्रशिक्षण मिलेगा, ताकि वे बदलते मौसम और बाज़ार की ज़रूरतों के अनुसार खेती कर सकें।
हर जिले में एक जिला धन-धान्य समिति बनेगी जो ज़मीनी स्तर पर योजना लागू करेगी। राज्य और केंद्र की टीमें भी लगातार निगरानी करेंगी। खास बात यह है कि सरकार डिजिटल डैशबोर्ड और किसान ऐप भी लाने जा रही है, जिससे पारदर्शिता बनी रहे और किसान सीधे जानकारी पा सकें।
सीधी भाषा में कहें तो, यह योजना केवल अनुदान (subsidy) तक सीमित नहीं है, बल्कि खेती को टिकाऊ बनाने और किसानों की आय को स्थिर करने की कोशिश है। गाँव-गाँव के किसान इससे जुड़ेगे तो उम्मीद है कि आने वाले वर्षों में खेती का चेहरा ही बदल सकता है।
प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना 2025 क्या है?
प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना केंद्र सरकार की एक नई महत्वाकांक्षी पहल है, जिसे 2025-26 के बजट में घोषित किया गया और हाल ही में मंत्रिमंडल से मंजूरी भी मिल गई है। इसका मकसद उन किसानों तक सरकारी मदद पहुँचाना है जो आज भी कृषि के क्षेत्र में पिछड़े जिलों में काम कर रहे हैं। सरकार का कहना है कि अगले छह सालों में इस योजना के लिए लगभग ₹24,000 करोड़ रुपये हर साल खर्च किए जाएंगे। सीधी भाषा में कहें तो यह योजना एक तरह से “कृषि का ऑल-राउंड पैकेज” है, जो उत्पादन से लेकर बाजार और भंडारण तक हर स्तर पर किसान की मदद करेगी।
सरकार का मुख्य लक्ष्य है कि किसानों की फसल उत्पादकता बढ़े, कृषि टिकाऊ बने और उनकी आय स्थायी रूप से सुधरे। इसके लिए कई मोर्चों पर काम किया जाएगा – जैसे बेहतर बीज, उर्वरक और तकनीक उपलब्ध कराना, सिंचाई की नई व्यवस्थाएँ करना, फसल के बाद होने वाले नुकसान को रोकने के लिए भंडारण और प्रसंस्करण (storage & processing) सुविधाएँ तैयार करना, और साथ ही किसानों तक बैंकिंग व ऋण सेवाएँ आसानी से पहुँचाना। इतना ही नहीं, सरकार चाहती है कि किसान सिर्फ गेहूँ-धान जैसी पारंपरिक फसलों तक सीमित न रहें बल्कि बागवानी, दलहन, तिलहन, दालें और बायो-फर्टिलाइज़र जैसी विविध फसलों की ओर भी बढ़े।
प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना कहाँ लागू होगी और इसके कौन-कौन होंगे लाभार्थी:-
देशभर के 100 जिलों को इस योजना में शामिल किया जाएगा। खासतौर पर वे जिले चुने जाएंगे जहाँ फसल की पैदावार अपेक्षाकृत कम है, सिंचाई और भंडारण की सुविधा कमजोर है और किसानों तक कर्ज आसानी से नहीं पहुँचता। हर राज्य और केंद्र शासित प्रदेश से कम से कम एक जिला ज़रूर लिया जाएगा ताकि पूरे देश के किसान इसका लाभ उठा सकें। इस योजना से लगभग 1.7 करोड़ किसानों को सीधा फायदा होने का अनुमान है। इनमें सबसे ज्यादा छोटे और सीमांत किसान होंगे, क्योंकि इनकी स्थिति अक्सर सबसे कमजोर रहती है।
प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना योजना के उद्देश्य:-
सरकार का मुख्य लक्ष्य है कि किसानों की फसल उत्पादकता बढ़े, कृषि टिकाऊ बने और उनकी आय स्थायी रूप से सुधरे। इसके लिए कई मोर्चों पर काम किया जाएगा जैसे:- बेहतर बीज, उर्वरक और तकनीक उपलब्ध कराना, सिंचाई की नई व्यवस्थाएँ करना, फसल के बाद होने वाले नुकसान को रोकने के लिए भंडारण और प्रसंस्करण (storage & processing) सुविधाएँ तैयार करना, और साथ ही किसानों तक बैंकिंग व ऋण सेवाएँ आसानी से पहुँचाना। इतना ही नहीं, सरकार चाहती है कि किसान सिर्फ गेहूँ-धान जैसी पारंपरिक फसलों तक सीमित न रहें बल्कि बागवानी, दलहन, तिलहन, दालें और बायो-फर्टिलाइज़र जैसी विविध फसलों की ओर भी बढ़े।
हर जिले में एक “जिला धन-धान्य समिति” बनाई जाएगी जिसमें प्रगतिशील किसान, कृषि विभाग के अधिकारी और स्थानीय प्रतिनिधि मिलकर योजना की दिशा तय करेंगे। राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर भी निगरानी समितियाँ होंगी ताकि काम सही ढंग से हो। इसके साथ-साथ सरकार एक डिजिटल डैशबोर्ड और किसान ऐप लॉन्च करेगी, जिससे जिले-जिले का काम पारदर्शी तरीके से ट्रैक होगा। किसान अपने मोबाइल से सीधे देख पाएँगे कि उनके क्षेत्र में कौन-सी सुविधा कब शुरू हो रही है। इसके अलावा, केंद्र सरकार हर जिले में एक नोडल अधिकारी भी तैनात करेगी जो समय-समय पर वहाँ जाकर जमीन पर काम की स्थिति की रिपोर्ट देंगे।
किसानों को व्यावहारिक लाभ:-
अगर आप इस योजना से जुड़े जिले के किसान हैं तो आपको कई स्तर पर मदद मिलेगी। सबसे पहले तो आपको बेहतर किस्म के बीज और खेती के उपकरण आसानी से मिलेंगे। दूसरा, सिंचाई व्यवस्था में सुधार होगा जिससे बारिश पर निर्भरता घटेगी। तीसरा, कटाई के बाद आपकी उपज सुरक्षित रखने के लिए भंडारण और कोल्ड स्टोरेज जैसी सुविधाएँ मिलेंगी, ताकि खराब होने का खतरा कम हो और आप बाजार में अच्छे दाम पर फसल बेच सकें। चौथा, बैंक और सहकारी समितियों से कृषि ऋण पाना आसान होगा, जिससे समय पर खेती के लिए पैसे की कमी नहीं होगी। इसके साथ-साथ सरकार किसानों को प्रशिक्षण और नई तकनीक भी सिखाएगी, जैसे कि प्रिसीजन फार्मिंग, ड्रिप इरिगेशन और प्राकृतिक खेती के तरीके।
कुल मिलाकर, प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना किसानों के लिए एक लंबी अवधि का निवेश है, जो सिर्फ सब्सिडी या एक-दो लाभ पर केंद्रित नहीं है, बल्कि खेती को टिकाऊ और लाभकारी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
योजना की जानकारी कहाँ से मिलेगी:-
जिला धन-धान्य समिति (District Committee) हर चुने गए जिले में बनेगी।
यह समिति किसानों को बताएगी कि कौन-सी सुविधाएँ और कहाँ उपलब्ध कराई जाएँगी।
कृषि विज्ञान केंद्र (KVK), कृषि विभाग के दफ्तर और CSC केंद्र से भी जानकारी मिलेगी।
एक “किसान ऐप” और डिजिटल डैशबोर्ड भी शुरू होगा, जहाँ मोबाइल से जानकारी ली जा सकेगी।
किन दस्तावेज़ों की ज़रूरत होगी:-
आधार कार्ड
बैंक पासबुक / जन-धन खाता नंबर
ज़मीन के कागजात (खतौनी / रजिस्ट्रेशन)
पासपोर्ट साइज फोटो
मोबाइल नंबर (OTP और अपडेट पाने के लिए)
आवेदन करने की प्रक्रिया:-
किसान को ब्लॉक स्तर या CSC केंद्र पर जाकर आवेदन करना होगा।
आवेदन पत्र में अपनी जमीन का विवरण, फसल की जानकारी और बैंक खाता दर्ज करना होगा।
कृषि अधिकारी आपके खेत का निरीक्षण कर सकते हैं।
किसानों को क्या-क्या लाभ मिलेगा:-
आवेदन सत्यापित होने के बाद, किसान को योजना के लाभ (बीज, सिंचाई सुविधा, भंडारण, ऋण आदि) मिलना शुरू हो जाएगा
बेहतर बीज और खाद – कृषि विभाग या सहकारी समिति के माध्यम से।
सिंचाई सुधार – ड्रिप, स्प्रिंकलर या नहर/तालाब से जुड़ी सुविधाएँ।
भंडारण सुविधा – गोडाउन और कोल्ड स्टोरेज।
कृषि ऋण – आसान ब्याज दर पर।
प्रशिक्षण और तकनीकी मदद – कृषि विज्ञान केंद्र और कृषि विश्वविद्यालय से।
किसानों को ज़रूरी करने योग्य बातें:-
समय-समय पर कृषि विभाग की सूचना पर ध्यान दें।
CSC केंद्र / पंचायत भवन / KVK जाकर योजना की जानकारी लें।
अपने दस्तावेज़ पहले से तैयार रखें ताकि आवेदन करते समय दिक्कत न हो।
अपने इलाके के जिला कृषि अधिकारी से संपर्क बनाए रखें।
संशोधित मानवीय टोन वाला पैराग्राफ
PM Dhan Dhaanya Krishi Yojana 2025 FAQs
“प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना से जुड़े कई सवाल किसानों और आम लोगों के मन में आते हैं। यहाँ हमने इस योजना से संबंधित सबसे अधिक पूछे जाने वाले प्रश्न और उनके संक्षिप्त उत्तर दिए हैं।”
Q1. प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना क्या है?
Ans:- यह भारत सरकार की नई कृषि योजना है जिसका उद्देश्य किसानों को खाद्यान्न उत्पादन बढ़ाने के लिए वित्तीय सहायता और सब्सिडी देना है।
Q2. प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना का मुख्य लाभ क्या है?
Ans:- किसानों को कम ब्याज पर ऋण, बीज व उर्वरक पर सब्सिडी और आधुनिक कृषि उपकरण खरीदने में आर्थिक मदद करना।
Q3. इस योजना के लिए कौन पात्र है?
Ans:- छोटे और सीमांत किसान, जिनके पास कृषि भूमि है और वे खेती करते हैं।
Q4. आवेदन कैसे किया जा सकता है?
Ans:- पात्र किसान ऑनलाइन आधिकारिक पोर्टल या नज़दीकी CSC केंद्र से आवेदन कर सकते हैं।
Q5. योजना का आधिकारिक पोर्टल कौन सा है?
Ans:- कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय और https://www.pib.gov.in/ पर इससे जुड़ी आधिकारिक जानकारी उपलब्ध है।
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